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गीतिका/ हिंदी प्रधान ग़ज़ल

आकाश महेशपुरी
आकाश महेशपुरी
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एक गीतिका/ हिन्दी प्रधान ग़ज़ल
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कितनों ने दिल सौंप दिया है किसको किसको प्यार लिखें
पर चाहत के बदले बोलो कैसे हम इनकार लिखें

लिखने को तो लिख डालेंगे एक नया इतिहास मगर
तुम जो साथ नहीं आये तो दुनिया है बेकार लिखें

शादी है जीवन की गाड़ी हम तो अक्सर लिखते थे
लेकिन अब जब भी लिखते हैं जाने क्यों मझधार लिखें

कविता तो सौतन है उनकी कविता से वे जलतीं हैं
लेकिन हमको लत है ऐसी कविता ही हर बार लिखें

बहुत लिखें हैं उल्टा-सीधा सच है पर ‘आकाश’ यही
हे पत्नी तुम पूजनीय को जीवन का आधार लिखें

गीतिका- आकाश महेशपुरी
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पता-
वकील कुशवाहा “आकाश महेशपुरी”
ग्राम- महेशपुर, पोस्ट- कुबेरस्थान, जनपद- कुशीनगर. {उत्तर प्रदेश}

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