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ग़ज़ल- मुझे आजकल…

आकाश महेशपुरी
आकाश महेशपुरी
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ग़ज़ल- मुझे आजकल…
॰॰॰
मुझे आजकल नीँद आती कहाँ है
कि यादोँ मेँ आ के वो जाती कहाँ है

वो मय सी निगाहेँ अदाएँ नशीली
है सबकुछ मगर वो पिलाती कहाँ है

उसे चोर साबित करूँ मैँ कसम से
पता जो चले दिल छुपाती कहाँ है

नज़ारे बहुत हैँ जमाने मेँ लेकिन
वो चेहरे से परदा उठाती कहाँ है

लिखा आँसूओँ से जरा चल के देखूँ
वो मेरे ख़तोँ को जलाती कहाँ है

मैँ ‘आकाश’ जिसपे मरे जा रहा हूँ
वो मुझको झलक भी दिखाती कहाँ है

ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri
॰॰॰
पता-
वकील कुशवाहा ‘आकाश महेशपुरी’
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

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