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ग़ज़ल- सागर पे है भारी देखो…

आकाश महेशपुरी
आकाश महेशपुरी
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ग़ज़ल

जिससे मेरी यारी देखो
उसने की गद्दारी देखो

आँसू का ये बहता दरिया
सागर पे है भारी देखो

तेरे खातिर ऐ जानेमन
मरने की तैयारी देखो

पाँचोँ थे रखवाले जिसके
रोती थी वो नारी देखो

दुख दर्दोँ की सर्द हवाएँ
जीवन की दुश्वारी देखो

भाव भरा ‘आकाश’ कहाँ है
रिश्तोँ मेँ लाचारी देखो

ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी
Aakash maheshpuri

पता-
वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरस्थान
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
09919080399

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